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देवरिया ताल रुद्रप्रयाग के बारे में
देवप्रयाग जिले में ऊखीमठ-गोपेश्वर मार्ग पर, चोपता ट्रेक के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान देवरिया ताल है। देवरिया ताल रुद्रप्रयाग, जो समुद्र तल से तक़रीबन 2,387 मीटर ऊपर है, बर्फ से ढके पहाड़ों और हरे भरे मैदानों से घिरा हुआ है। यह मस्तुरा और साड़ी के गांवों से एक पहाड़ी के ऊपर लगभग 3 किमी की दूरी पर स्थित एक प्राचीन झील है। इसके अलावा, चौखम्बा चोटी झील में परिलक्षित होती है, जो एक विशेष रूप से सुंदर दृश्य है। देवरिया ताल की यात्रा करना और पूरे गांव के मनोरम दृश्यों को देखना अपने आप में एक सुखद अनुभव है। बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच सुबह-सुबह चोपता में झील को देखना जीवन के सबसे अविस्मरणीय क्षणों में से एक हो सकता है। यदि आप हाइकिंग और कैंपिंग का आनंद उठाना चाहते हैं तो देवरिया ताल रात भर कैंपिंग और जंगल ट्रेकिंग के लिए एक बेहतरीन स्थान है।
यदि आप दोस्तों या परिवार के साथ समय बिताने के लिए एक शांत वातावरण की तलाश कर रहे हैं तो देवरिया ताल जाएँ। मैं अपने ब्लॉग के माध्यम से देवरिया ताल की यात्रा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को आप तक पहुँचाने का प्रयास कर रहा हूँ, इस उम्मीद में कि यदि आप देवरिया ताल की यात्रा करने का निर्णय लेते हैं तो यह आपके लिए उपयोगी होगा। इस लेख को पूरा पढ़ें।
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महाभारत कथा से सम्बन्धी रोचक जानकारी
देवरिया ताल, जो चारों ओर से बर्फ से ढके पहाड़ों से घिरी हुई है, एक शांतिपूर्ण और रोमांचक गंतव्य होने के साथ-साथ पूजा स्थल भी है। आगंतुक और भक्तो दोनों ही इस सुंदर झील का भरपूर आनंद लेते हैं। दरअसल, कहा जाता है कि इस सरोवर में देवता स्नान किया करते थे, यही वजह है कि इसे “इंद्र सरोवर” कहा जाता है और पुराणों में इसका उल्लेख है। यह इस बात का प्रमुख औचित्य है कि हिंदू उपासक इस असामान्य झील स्थल को विशेष महत्व क्यों देते हैं। परंपराओं के अनुसार, यह भी माना जाता है कि यह झील वह जगह है जहां यक्षों ने पांडवों से पूछताछ की थी.
किंवदंती के अनुसार, जब पांडव वनवास में थे, तो उनको प्यास लगी पांच भाई पांडव में से चार भाई पानी की खोज में देवरिया ताल के पास पहुंच जाते हैं। यहाँ जब वो पानी पिने के लिए आगे बढ़ते है तो उनके सामने यक्ष महाराज आ जाते हैं और उनको पानी पिने के लिए मना करते है। प्यास से तड़प रहे चारो भाई यक्ष से बार बार आग्रह करते हैं की उनको पानी पिने दिया जाए। लेकिन यक्ष पर उनका कोई असर नहीं होता है और वह अपने निर्णय पर अडिक रहते हैं। कुछ समय बीत जाने के बाद यक्ष महाराज उनके सामने एक प्रस्ताव रखते हैं की में आप सभी से कुछ सवाल पूछूंगा अगर सही जवाव दिया तो आप सभी इस ताल से पानी पी सकते हो। अगर सवालो का सही जवाव नहीं दे पाए तो आप लोगो को प्यासे ही यहाँ से लौटना होगा। यहाँ जब यक्ष पांडव भाइयो से सवाल पूछते हैं तो चार पांडव भाई सही जवाब देने में विफल हो जाते हैं। प्यास इतनी बढ़ जाती है की चारो भाई मूर्छित हो जाते है। भाइयो से बिछड़कर जब युधिष्ठिर अपने भाइयों की खोज करते हैं और उन सभी को ताल किनारे बेहोश पाते हैं, तो यह देखकर युधिष्टर को बहुत दुख होता है।
उसके बाद, युधिष्ठिर का सामना यक्ष महाराज से होता है, जो अपने सभी भाइयों को पुनर्जीवित करने का आग्रह करते हैं। लेकिन यक्ष महारज उनके सामने भी वही प्रस्ताव रखते हैं की यदि युधिष्ठिर उनके सभी सवालों का सही जवाब दे सकते हैं। तो यक्ष महाराज उनके चारो भाइयो को पुनर्जीवित कर पानी ग्रहण करने देंगे। युधिष्ठिर की सहमति होने के बाद यक्ष ने युधिष्ठिर से कुल ६ (6) सवाल पूछे। वह ६ (6) सवाल कुछ इस प्रकार थे…
यक्ष महाराज: सूर्य किसके आदेश से उगता है?
युधिष्ठिर: परमात्मा अर्थात् ब्रह्मा जी के आदेश से।
यक्ष महाराज: मनुष्य का समर्थन कौन करता है?
युधिष्ठिर: धैर्य मनुष्य का साथी है।
यक्ष महाराज: कौन सा शास्त्र (विद्या) है, जिसके अध्ययन से मनुष्य बुद्धिमान बनता है?
युधिष्ठिर: ऐसा कोई शास्त्र नहीं है। महापुरुषों के संग से ही मनुष्य बुद्धिमान बनता है।
यक्ष महाराज: भूमि से भारी क्या है?
युधिष्ठिर: बच्चे को गर्भ में धारण करने वाली माता का भार भूमि से अधिक होता है।
यक्ष महाराज: आकाश से ऊँचा कौन है?
युधिष्ठिर: पिता।
यक्ष महाराज: हवा से तेज कौन है?
युधिष्ठिर: मन।
अंत में जब उन्होंने सभी सवालों का सफलतापूर्वक उत्तर दिया तो यक्ष ने युधिष्ठिर के सभी भाइयो को पुनर्जीवित कर दिया। जिसके बाद सभी ने उठकर पानी ग्रहण किया और यक्ष महाराज का धन्यावाद कर आगे को प्रस्थान किया।
देवरिया ताल रुद्रप्रयाग के पास घूमने की कुछ प्रसिद्ध जगहें
वैसे तो उत्तराखंड अपने आप में एक स्वर्ग के समान खूबसूरत है, लेकिन यह बात हो रही है देवरिया ताल की। उत्तराखंड के देवरिया ताल के आस पास घूमने के बहुत सारे खूबसूरत स्थल हैं, अगर आप देवरिया में घूमने गए है तो आप एक या दो दिन यहाँ ठहर के इन जगहों का आनंद ले सकते हैं। यहाँ में कुछ प्रमुख जगहों के नाम साझा कर रहा हूँ जो निचे दी गयी है
- तुंगनाथ मंदिर
- चंद्रशिला शिखर
- चोपता गाँव
- उखीमठ के मंदिर
- कस्तूरी मृग अभ्यारण्य
- रुद्रनाथ मंदिर
- अनुसूया माता मंदिर
- गोपीनाथ मंदिर
- कल्पेश्वर महादेव मंदिर
- कालीमठ
- गौरीकुंड
- मनसा देवी मंदिर
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यहाँ तक कैसे पहुंचना संभव है?
आप दुनिया के किसी भी कोने में क्यों ना हो देवरिया ताल रुद्रप्रयाग तक पहुंचना आसान है। आप चाहे तो हवाई सफर, ट्रैन या बस सुविधा के माध्यम से यहाँ पहुंच सकते हैं। कैसे वो में आप को अलग-अलग करके बताना उचित तरीके से स्पस्ट कर देता हूँ.
हवाई सफर: जॉली ग्रांट हवाई अड्डा, जो देवरिया ताल से लगभग 210 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, क्षेत्र का निकटतम हवाई अड्डा है। देहरादून के लिए उड़ान भरना देवरिया ताल जाने के सबसे अच्छे तरीकों में से एक है, चाहे आप दिल्ली में हों या किसी अन्य स्थान पर। हवाई अड्डे से निकलने के बाद, आप साड़ी गाँव के लिए कैब या बस ले सकते हैं, जहाँ से आप देवरिया ताल के लिए पैदल जा सकते हैं।
रेलगाड़ी सफर: अगर आपने ट्रेन से देवरिया ताल झील की यात्रा करने का फैसला किया है, तो आपको बता दें कि देवरिया ताल रुद्रप्रयाग के सबसे नजदीक का स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है, जो देवरिया ताल से लगभग 192 किलोमीटर दूर स्थित है। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से पहुंचने के बाद, आप देवरिया ताल के लिए बस या कैब ले सकते हैं।
सड़क मार्ग से सफर: आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि यदि आप उपरोक्त दो विकल्पों में से किसी एक के माध्यम से देवरिया ताल जाने का विकल्प चुनते हैं, तब भी आपको बस या निजी वाहन की आवश्यकता होगी। मैं इस प्रकार सलाह दूंगा कि सड़क मार्ग से देवरिया ताल तक परिवहन का सबसे अच्छा साधन सड़क मार्ग है। दिल्ली या किसी अन्य स्थान से, आप बस या निजी वाहन से हरिद्धार और उसके बाद ऋषिकेश और रुद्रप्राग होते हुए साड़ी गांव जा सकते हैं। कोई भी वहां पहुंचने के बाद साड़ी गांव से देवरिया ताल तक आसानी से 3 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। ध्यान रहे कि सड़क यात्रा में ज्यादा समय लग सकता है।
यात्रा कार्यक्रम (Itinerary)
Delhi – Haridwar – Rishikesh – Dev Prayag – Srinagar – Rudra Prayag – Agustmuni – Syal Saur – Kund – Ukhimath – Sari Village – Deoria Tal
दिल्ली – हरिद्वार – ऋषिकेश – देव प्रयाग – श्रीनगर – रुद्र प्रयाग – अगस्तमुनि – स्याल सौर – कुंड – ऊखीमठ – साड़ी गांव – देवरिया ताल
दिल्ली से डोरिअ ताल की दूरी 415 किलोमीटर है। ऊखीमठ से साड़ी गांव जाने के लिए 12 किलोमीटर और साड़ी गांव से देवरिया ताल जाने के लिए 3 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा करनी पड़ती है। हालांकि यह कुछ हिस्सों में बेहद खड़ी है, लेकिन साड़ी गांव से देवरिया ताल तक की यात्रा एक पक्के मार्ग पर है।
देवरिया ताल रुद्रप्रयाग में खाना की उपलब्धि
झील से लगभग 100 मीटर की दूरी पर कुछ छोटी-छोटी झोंपड़ियाँ हैं जहाँ खाना पकाया और परोसा जाता है। इन झोपड़ियों में मनचाहा खाना उपलब्ध नहीं होता है। यहाँ भोजन क कुछ ही विकल्प उपलब्ध है और आपको उनमे से ही खाना पड़ता है। सारी गांव में भी खाने के विकल्प हैं, जिसमें क्षेत्रीय व्यंजन परोसने वाले भोजनालय भी शामिल हैं। यहाँ से आप खाना को पैक कराकर भी ला सकते है।
देवरिया ताल रुद्रप्रयाग का मौसम
गर्मी का मौसम: देवरीताल में पूरी गर्मी गर्म और सुखद होती है। देवरिया ताल घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च के मध्य से जून के मध्य तक है। रात के लिए अब कुछ गर्म कपड़े पैक करें।
बरसात का मौसम: देवरिया ताल में, भूस्खलन और बाधाओं के कारण पर्यटक हतोत्साहित हो सकते हैं। यह सलाह दी जाती है कि हम मानसून के मौसम से बचें।
सर्दी का मौसम: देवरिया ताल यात्रा के लिए, यह सलाह दी जाती है कि आप कड़ाके की ठंड और भारी बर्फबारी के कारण नवंबर से फरवरी के सर्दियों के महीनों से बचें।
महत्वपूर्ण सवाल Frequently Asked Questions (FAQ)
क्या देवरिया ताल हाइकिंग, कैंपिंग या बर्ड वॉचिंग के लिए एक अच्छी जगह है?
अपने आसपास की पहाड़ियों और सुरम्य दृश्यों के साथ, देवरिया ताल पैदल चलने और शिविर लगाने के लिए सबसे महान स्थानों में से एक है। 3 मील की पैदल यात्रा आपको साड़ी गांव से देवरिया ताल तक ले जाएगी। देवरीताल की पैदल यात्रा का मुख्य आकर्षण लुभावने हरे भरे जंगल हैं। इसके अतिरिक्त, बर्डवॉचिंग के दौरान कई खूबसूरत प्रजातियों को देखने के अवसर से इस भ्रमण को और भी अनूठा बना दिया गया है। देवरिया ताल एक विशेष रूप से अद्वितीय और सुंदर शिविर स्थान है। जीवन में सबसे अच्छे समय में से एक निस्संदेह इस शांत झील के तट पर अपने दोस्तों या परिवार के साथ डेरा डाले हुए बिताया जा सकता है। कोई भी इस झील के किनारे पर डेरा डाल सकता है और दिन के दौरान बर्फ से ढके हिमालय को देख सकता है, और रात में, चमकते सितारों को देख सकते हैं, जो अविश्वसनीय रूप से आकर्षक और मनोरम दोनों हैं। इसके कारण, हर साल सैकड़ों आगंतुक और पैदल यात्री इस स्थान की यात्रा करते हैं।
देवरिया ताल कौनसे मौसम में घूमने के अनुकूल है?
वैसे तो देवरिया ताल साल के किसी भी समय घूमने के लिए उचित है, अगर आप देवरिया ताल घूमने का मन बना ही रहे हैं तो आप सितम्बर, अक्टूबर या फिर जनुअरी के माह में आ सकते है। यह समय उन लोगो के लिए ज्यादा उत्साह भरा हो सकता है जिन्हें सर्दी का मौसम अधिक पसंद है. क्योंकी इस समय यहां बर्फ़बारी हो रही होती है और यह समय यहां सर्दी के आखरी माह का होता है। साथ ही साथ यह उन लोगो के लिए भी अच्छा है जिन्हें सर्दी कुछ खास पसंद नहीं होती है। ऐसे में अगर आप गर्मियों के मौसम में देवरिया ताल घूमने का सोच रहे है तो मार्च, अप्रैल या जून के मध्य में यहां घूमने आ सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे यह समय उत्तराखंड में बरसात का भी होता है जिससे यात्रा के दौरान दिक्क्तों का सामना करना पड़ सकता है। तो जब भी आप यहाँ घूमने का प्लान बनाएं थोड़ा जानकारी जरूर एकीकृत कर लें, जिससे आपको यात्रा में आसानी होगी।
देवरिया ताल यात्रा के दौरान रुकने के लिए उचित आवास उपलब्ध हैं?
देवरिया ताल एक सुंदर झील होने के साथ-साथ प्राचीन प्रकृति का पता लगाने का अवसर प्रदान करता है। वन अधिकारियों की देखरेख में पर्यटक यहां रात को सो सकते हैं, जिससे उनकी यात्रा की सुंदरता और बढ़ जाती है। उत्तराखंड पर्यटन विभाग इसके अलावा देवरीताल में ठहरने के लिए वन विश्राम गृह भी प्रदान करता है, जिसके इस्तेमाल से आप वहां ठहर सकते हैं। यह आपके निर्णय पर निर्भर करता है। यदि आप किसी अन्य प्रकार के आवास को पसंद करते हैं, तो आप साड़ी गांव या आसपास के शहरों में से किसी एक में रह सकते हैं। इस स्थान पर सभी सुविधाएं हैं।
क्या देवरिया ताल में मोबाइल सिगनल रहते है?
देवरिया ताल में न तो बिजली है और न ही फोन सेवाएं उपलब्ध हैं। देवरिया ताल में एयरटेल और वोडाफोन के मोबाइल सिग्नल कमजोर हैं, जबकि बीएसएनएल और आईडिया के पास अच्छे सिग्नल हैं। देवरिया ताल में आपको सिग्नल कमजोर मिलेंगे।
देवरिया ताल ट्रेक कितना लंबा है?
यह केवल 2.3 किलोमीटर की छोटी यात्रा है। मार्ग मध्यम खड़ी है और पूरी तरह से पत्थरों से बना है। चूंकि दूरी कम है और झील तक पहुंचने में आम तौर पर 2 घंटे लगते हैं, इसलिए पैदल चलना मुश्किल नहीं है।
देवरिया ताल के पास एटीएम?
देवरिया ताल के सबसे नजदीक ऊखीमठ का एटीएम है। ऊखीमठ में पीएनबी और एसबीआई के सिर्फ दो एटीएम हैं।
आस-पास के पेट्रोल स्टेशन
निकटतम गैस स्टेशन कुंड में है, जो ऊखीमठ से 7-8 किलोमीटर दूर है। मैं आपको रुद्र प्रयाग या श्रीनगर में ईंधन भरने की सलाह दूंगा।
देवरिया ताल में एक रत की कैंपिंग के क्या शुल्क है ?
1500/- Inr
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