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मुक्तेश्वर के बारे में (About Mukteshwar)
प्रिय मित्रों, यदि आप परिवार या दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए एक एकांत, शांतिपूर्ण स्थान की तलाश कर रहे हैं, तो मैं उत्तराखंड के नैनीताल क्षेत्र में मुक्तेश्वर जाने की सलाह दूंगा। पर्यटन की दृष्टि से यह स्थान पर्यटकों के लिए उत्तम है। यहां आप यात्रा के दौरान कई गतिविधियों में भाग ले सकते हैं और इसे सुखद बना सकते हैं। मुक्तेश्वर भारत के उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में एक बेहद खूबसूरत स्थान है। यह लुभावनी जगह दिल्ली से तक़रीबन 343 किलोमीटर, हल्द्वानी से 72 किलोमीटर और नैनीताल से 51 किलोमीटर दूर स्थित है। और यह समुद्र तल से लगभग 2,286 मीटर ऊपर है। कुमाऊं मंडल में स्थित देवद्वार की खूबसूरत घाटियां, फलों के बाग और गहरे-घने जंगल इस खूबसूरत जगह को घेरे हुए हैं। मुक्तेश्वर के घने देवद्वार, चीड़ के जंगल, सांगवान आदि पेड़ मन मोह लेते हैं, और जो भी इस खूबसूरत जगह पर यात्रा के लिए आता है इनकी खूबसूरती उन्हें अपनी ओर खींच लेती है। छुट्टियों में आपको यहां जरूर जाना चाहिए। और हाँ नैनीताल या काठगोदाम से मुक्तेश्वर जाते समय २० (20) किलोमीटर के बाद आपको सड़क किनारे बहुत से फलों के बाग मिलेंगे। जो लोग इन बागों की देखभाल करते हैं वो सड़क किनारे ताजे आड़ू, खुबानी और सेब इत्यादि बेचते रहते हैं। आप इनको कुछ पैसे देकर बाग़ में घूमने की इजाजत ले सकते हैं। आप यहाँ फलों के बाग़ में घूमकर कुछ अच्छी यादें कैद कर सकते है।
मुक्तेश्वर का इतिहास और पौराणिक कथा
उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में “मुक्तेश्वर” नामक एक ग्राम पंचायत है। यहाँ यह बात प्रचलित है कि मुक्तेश्वर, जिसे मुक्तेश्वर धाम भी कहा जाता है, 350 साल पुराने शिव मंदिर का घर है। इस कारण पूरे क्षेत्र को मुक्तेश्वर कहा जाता है। यहां से आप विशाल हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं को देख सकते हैं। कहा जाता है कि यह कभी वह स्थान था जहां भगवान शिव ने एक राक्षस को हराया और उसका वध (मुक्ति) किया था, इसलिए इसका नाम मुक्तेश्वर पड़ा। मुक्तेश्वर एक सुंदर जगह है जो देवदार, बांज, पाइन, काफल और पाइन के सुंदर और गहरे आरक्षित जंगलों से घिरा हुआ है। इस खूबसूरती को देखने के लिए दुनिया भर से सैलानी यहां आते हैं।
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मुक्तेश्वर में घूमने की प्रशिद्ध जगहें (Famous places to visit in Mukteshwar)
मुक्तेश्वर में घूमने की बहुत सारी जगहें हैं, जिनके बारे में मैंने निचे लिखा है। इस लेख को पूरा पढ़े, जिससे आपको यात्रा के दौरान ये सोचने में परेशानी ना हो की मुक्तेश्वर में कहाँ कहाँ घूमें।
मुक्तेश्वर मंदिर – पौराणिक कथा महाभारत से संबंध
यदि आप धार्मिक यात्रा करना पसंद करते हैं तो आपको वास्तव में मुक्तेश्वर मंदिर देखना चाहिए। आपको बता दें कि यह मुक्तेश्वर के सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है। इस मंदिर में जाने के लिए आपको करीब 100 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। मुक्तेश्वर महादेव मंदिर में तांबे की योनि और सफेद संगमरमर का शिवलिंग देखा जा सकता है। शिवलिंग के चारों ओर ब्रह्मा, विष्णु, पार्वती, हनुमान, गणेश और नंदी की मूर्तियां हैं। इस स्थान की यात्रा करने से भक्तों को मन और आत्मा की शांति मिलती है। पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि निर्वासन में रहते हुए पांडवों ने इसका निर्माण कराया था। आप मंदिर के रास्ते में सुंदर प्राकृतिक दृश्यों से गुजरेंगे। यदि आपको लंबी पैदल यात्रा का मन नहीं है, तो आप इस स्थान पर सीढ़ियों का उपयोग करना भी चुन सकते हैं।
मुक्तेश्वर में चौली की जाली और धार्मिक मान्यता
मुक्तेश्वर में, मुक्तेश्वर मंदिर के ठीक पीछे, एक अन्य प्रसिद्ध स्थल चौली की जाली है। अतीत में, एक बार शिव भगवान् चौली की जाली के पास तपस्या में लीन थे। तो बाबा गोरखनाथ जागेश्वर धाम की यात्रा पर निकल गए और बाबा गोरखनाथ का मार्ग रुक गया था चट्टानों की वजह से। अपने हथियार की सहायता से, उन्होंने विशाल चट्टानों में एक छेद कर दिया और अपनी यात्रा पर आगे बढ़ गए। अब महिलाएं यहाँ पूजा करके इस छेद के आर पर जाए तो उन्हें संतान की प्राप्ति होती है। यह मुक्तेश्वर धाम के नाम से भी जाना जाता है। चाहे आप बाहर का आनंद लें या एक साहसिक जीवन शैली, आप इस स्थान को पसंद करेंगे। अब चूंकि आप शायद पूछ रहे हैं कि इस स्थान के बारे में इतना भव्य क्या है। हम आपको बता दें कि चौली की जाली रॉक क्लाइंबिंग और रैपलिंग के लिए मुक्तेश्वर में सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से एक है, जहां से आप हिमालय पर्वतमाला देख सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यह कहा जाता है कि यहां एक देवी और एक दानव के बीच युद्ध हुआ था, यही कारण है कि यह स्थान धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ है।
सीतला: हिल स्टेशन, ट्रेकिंग और बर्ड (पक्षी) ऑब्जर्वेशन
मुक्तेश्वर के पास, ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थानों के सुंदर संयोजन के साथ सीतला एक प्यारा हिल स्टेशन है। इस क्षेत्र में कई औपनिवेशिक शैली के बंगले बने हुए हैं। यह शानदार हिमालयी चोटियों से घिरा हुआ है। इस आकर्षक पहाड़ी गाँव की आकर्षक सुंदरता की सराहना करने के अलावा, आप यहां ट्रेकिंग और पक्षी देखने का भी आनंद ले सकते हैं।
भालू गढ़ में झरना
यदि आप यात्रा के दौरान किसी प्राकृतिक झरना को देखना चाहते हैं तो आप को भालू गढ़ झरना जरूर देखना चाहिए। यह प्राकृतिक सुदंर झरना अपने दृश्यों के लिए एक आदर्श स्थान है, यह अनदेखा रत्न पर्यटकों के झुंड से दूर है। लेकिन जिस आगंतुक ने भी इसका दीदार किया है वह इसका कायल हो गया है। मुक्तेश्वर के नजदीक भालू गढ़ झरना, लंबी पैदल यात्रा और अदूषित दृश्यों का आनंद लेने वाले के लिए एक अच्छा विकल्प है।
इंडियन एनिमल रिसर्च सेंटर
इंडियन एनिमल रिसर्च सेंटर की स्थापना यहां अंग्रेजों ने 1893 में रिसर्च एंड एजुकेशन इंस्टीट्यूट (आईवीआरआई) के रूप में की थी।
मुक्तेश्वर में मनोरंजन गतिविधियाँ
कैंपिंग: मुक्तेश्वर में कई कैंपर विभिन्न मुक्तेश्वर स्थानों में कैंपिंग टेंट प्रदान करते हैं। पर्यटक के आधार पर शिविर के कई रूप हैं। कुछ कैम्प्स जो आपको सुविधा उपलब्ध करवा सकते है वो है – वाइल्ड्रिफ्ट पर्पल कैंप, नैना देवी जंगल कैंप आदि नाम हैं।
पैरागलाइडिंग: यहॉं आप पैरागलाइडिंग का लुत्फ़ भी उठा सकते है।
रैपलिंग और रॉक क्लाइम्बिंग: यहॉं आप रैपलिंग और रॉक क्लाइम्बिंग का भी आनंद ले सकते है कुछ लोग तो मुक्तेश्वर आते ही इन सुविधाओं के लिए हैं। चौली की जाली चट्टान रॉक क्लाइम्बिंग के लिए बहुत विख्यात है।
मुक्तेश्वर कैसे पहुँचे (How to Reach Mukteshwar)
हवाई यात्रा: मुक्तेश्वर (नैनीताल) के लिए कोई सीधा हवाई मार्ग नहीं है। “पंतनगर हवाई अड्डा” मुक्तेश्वर (नैनीताल) का निकटतम घरेलू हवाई अड्डा है, और यह तक़रीबन 90.6 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है। इस हवाई अड्डे के लिए जेट एयरवेज, एयर इंडिया और स्पाइस जेट नई दिल्ली और मुंबई से सुविधाजनक कनेक्शन प्रदान करते हैं। नैनीताल से निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। जहाँ तक ड्राइव करने में लगभग 8 से 9 घंटो का समय लग सकता हैं।
रेलगाड़ी सफर: मुक्तेश्वर (नैनीताल) के लिए सीधा रेलगाड़ी से भी सफर करना संभव नहीं है। अगर आप मुक्तेश्वर (नैनीताल) के लिए रेल से सफर करते हैं तो आपको काठगोदाम रेलवे स्टेशन पहुंचना पड़ेगा। जिसके पश्चात आपको बस या कैब से मुक्तेश्वर (नैनीताल) पहुंचना संभव होगा। काठगोदाम से मुक्तेश्वर की दुरी लगभग ५६.३ (56.3 km) किलोमीटर की है। जिसमें आपको तक़रीबन २ (2) घंटे ९ (9) मिनिट का समय लग सकता है।
सड़क मार्ग सफर: मुक्तेश्वर (नैनीताल) की यात्रा करना सड़क मार्ग से भी संभव है, या यूँ कहूं की सबसे अच्छा है, लेकिन थोड़ा समय ज्यादा लग सकता है। दिल्ली से आप मुक्तेश्वर जाने के लिए बस या कैब ले सकते हैं। सड़क मार्ग से यात्रा करते समय आपको दिल्ली से गाजियाबाद होते हुए मुरादाबाद, हल्द्वानी, नैनीताल और फिर मुक्तेश्वर जाना संभव होगा।
मुक्तेश्वर में ठहरने के लिए आवास
एक आश्चर्यजनक पर्यटन स्थल होने के अलावा, मुक्तेश्वर अदूषित वातावरण की खोज करने का अवसर प्रदान करता है। यदि आप घूमने आते हैं, तो आपको ठहरने के लिए जगह खोजने की चिंता करने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है। इस क्षेत्र में, सस्ते होटल, विला या होमस्टे का पता लगाना आसान है। मैं आपको सलाह दूंगा की अगर आप अकेले या दोस्तों के साथ उत्तराखंड में घूमने आते है तो आपको यहाँ के लोगों के घर (Homestays) रुकना चाहिए। इससे आप उस जगह के बारे में और वहां की संस्कृति के बारे में अच्छे से जान पायेंगे।
मुक्तेश्वर में खाने के लिए अच्छे होटल, रेस्टोरेंट या ढाबा
क्या मुक्तेश्वर (नैनीताल) में खाने के लिए अच्छे होटल, रेस्टोरेंट या ढाबा उपलब्ध है?
इसमें कोई संदेह नहीं है, की मुक्तेश्वर में अच्छे होटल, रेस्टोरेंट या ढाबा उपलब्ध है। यहाँ मैं आपको इस बात से पूर्ण अवगत करा देता हूँ की आप जिस भी शैली का भोजन पसंद करते है वह यहां आपको सब मिल जायेगा। मुक्तेश्वर में अच्छे होटल, रेस्टोरेंट या ढाबा उपलब्ध है। इन जगहों में जाकर आप भोजन ग्रहण कर सकते है, या पैक करके रूम पर ले जा सकते हैं।
मुक्तेश्वर (नैनीताल) का मौसम
मुक्तेश्वर (नैनीताल) में गर्मी का मौसम: इस कस्बे में गर्मी का मौसम मार्च के महीने से मई तक चलता है। गर्म दिनों के दौरान तापमान 27 या 28 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है और रातो को तापमान में काफी गिरावट देखने को मिलती है। इस मौसम में, मनोरम दृश्य देखने को मिलते हैं, और पेड़ फलों से लदे हुए होते है।
मुक्तेश्वर में शीतकाल: यहाँ सर्दियाँ विशेष रूप से कड़ाके की हो सकती हैं क्योंकि तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। और अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। इस समय कस्बे में भारी बर्फबारी हो रही होती है।
मुक्तेश्वर का मानसून सीजन: मुक्तेश्वर में बरसात का मौसम जुलाई से सितम्बर तक होता है, इन महीनो में अधिकांश बारिश होती है। बारिश के बावजूद, क्षेत्र के प्राकृतिक वैभव को देखने के लिए यह एक उत्कृष्ट समय है।
मुक्तेश्वर (नैनीताल) मासिक मौसम की जानकारी
महीना | औसत उच्च से निम्न तापमान (डिग्री सेल्सियस) | औसत वर्षा और दिन |
जनवरी | 11.6°-1.1° | 44 मिमी /4.4 days |
फरवरी | 12.3°-1.7° | 57 मिमी /5.6 days |
मार्च | 16.6°-5.1° | 66 मिमी /6 days |
अप्रैल | 21.5°-9.3° | 40 मिमी /4.4 days |
मई | 23.7°-11.7° | 70 मिमी /7.5 days |
जून | 23.4°-13.1° | 151 मिमी /11.4 days |
जुलाई | 21.1°-13.4° | 313 मिमी /18.6 days |
अगस्त | 20.5°-13.2° | 281 मिमी /18.7 days |
सितम्बर | 20.5°-11.6° | 197 मिमी /12.3 days |
अक्टूबर | 19.9°-8.8° | 43 मिमी /3.3 days |
नवम्बर | 17°/-5.3° | 10 मिमी /0.9 days |
दिसम्बर | 13.9°/2.9° | 29 मिमी /2.5 days |
यात्रा के दौरान ध्यान देने योग्य महतवपूरण बातें
- नैनीताल में अपने वित्त और ईंधन का प्रबंधन करना उचित है।
- सर्दियों में जाते समय मजबूत ऊनी कपड़े साथ रखें क्योंकि सर्दियाँ बहुत ठंडी और आश्चर्यजनक रूप से भव्य होती हैं।
- मानसून के दौरान अपनी यात्रा शुरू करने से पहले, स्थानीय अधिकारियों, टूर गाइड या टूर कंपनियों से मौसम और सड़क की स्थिति के बारे में पूछताछ करने की सलाह दी जाती है।
- मुक्तेश्वर में साल के किसी भी समय यात्रा की जा सकती है। हालाँकि गर्मी का मौसम इस जगह में घूमने का सबसे अच्छा मौसम होता है।
- मुक्तेश्वर में लिमिटेड मोबाइल सिगनल होते है आपको अपनी जरुरी कॉल नैनीताल में पहले ही पूरी करके आना चाहिए।
महत्वपूर्ण प्रश्न Frequently Asked Questions (FAQ)
मुक्तेश्वर क्यों प्रसिद्ध है?
मुक्तेश्वर फलों के बागों, शंकुधारी लकड़ियों, हरे भरे रास्तों और छोटी गलियों के कारण लंबी पैदल यात्रा के लिए एक अनूठा स्थान है। मुक्तेश्वर ट्रेकिंग, कैंपिंग और पैराग्लाइडिंग के अलावा रॉक क्लाइम्बिंग और रैपलिंग के लिए भी जाना जाता है। इस क्षेत्र में कई चट्टानी पहाड़ियाँ हैं जो रॉक क्लाइम्बिंग के लिए अच्छी हैं।
मुक्तेश्वर जाने का सबसे अच्छा समय क्या है?
मुक्तेश्वर में मौसम हर समय अच्छा रहता है। लेकिंन मई से जून का समय बहुत अच्छा रहता है घूमने का। क्यूंकि इस समय गर्मी का मौसम रहता है और तापमान न ज्यादा गरम और न ज्यादा ठंडा रहता है। बाकी बरसात के समय हमे किसी पहाड़ी जगह पर जाने से बचना चाहिए।
मुक्तेश्वर का गूगल मैप इस लिंक पर देखें
https://goo.gl/maps/UrQ33yjmCakku31u5
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